योगासन के प्रकार () :-
सामान्यतः यह कहा जाता है कि जितने प्रकार की प्राणियों की योनियाँ होती है उतने प्रकार के आसन होते हैं | 84 करोड़ प्रकार की प्राणियों की योनियाँ हैं उतने ही प्रकार के योग आसन होते हैं –
1. खड़े होने वाले आसन :-
कई ऐसे आसन है जो खड़े होकर किये जाते हैं | इनसे शरीर में दृढ़ता आती है जैसे – वीरासन , ताड़ासन , संकटासन , गरुनासन आदि |
2. बैठने वाले आसन :-
इन आसनों की स्थिति बैठने में होती है | सर्वश्रेष्ठ आसन बैठने वाले ही माने जाते हैं | मानसिक स्वास्थ प्रदान करने वाले , ध्यान में बैठने वाले , मुद्राओं वाले आसन बैठने से ही सिद्ध होते हैं | सिद्धासन चौरासी लाख आसनों में सर्वश्रेष्ठ आसन माना गया है , इसको सिद्ध करने पर कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है सामान्यतः भजन पूजन पूजा पाठ भी बैठने वाले आसन में ही किया जाता है |
3. लेटने वाले आसन :-
तीसरे प्रकार के आसन वे होते हैं जो लेट कर किये जाते हैं ये आसन आराम देने वाले तथा तनाव दूर करने वाले होते हैं | इन आसनों से शरीर की सभी मांस पेशियाँ नसें , नाडीयां शिथिल हो जाती है थकान , जागरण जागरण , कम – काज के कारण जो भी खिचाव – तनाव आदि होता है , वह दूर हो जाता है | योगाभ्यास के दौरान कुछ भी आसनों के बाद लेटने वाले आसन अवश्य करने चाहिए | इन आसनों में श्वासन , भुजंगासन , मकरासन , शलभासन आदि प्रमुख है |